पहले लगता था बिन तेरे मर जाऊँगा
तू ने छोड़ा तो फिर मैं किधर जाऊँगा
तू भी लगता है मुझ को ज़माने सा ही
तेरे दिल से भी इक दिन उतर जाऊँगा
तेरी आदत ने मुझ को बिगाड़ा है पर
एक दिन देखना मैं सुधर जाऊँगा
फिर तिरे पास से देखना कैसे मैं
तुझ को देखे बिना ही गुज़र जाऊँगा
आज बातों में हूँ तेरी नज़रों में हूँ
जल्द दिल में तिरे हो अमर जाऊँगा
तेरी नज़र-ए-करम की ही बस देर है
ये जो बिगड़ा हुआ हूँ सँवर जाऊँगा
उस की यादें रहेंगी मिरे साथ साथ
शहर ये छोड़ कर अब अगर जाऊँगा
एक दिन छोड़ ये ग़म-ज़दों का जहाँ
बन मैं गुज़री पुरानी ख़बर जाऊँगा
बन के बादल हवाओं के संग उड़ के मैं
ढूँडने तुझ को हर इक नगर जाऊँगा
क्या कहा तुझ को मुझ पर भरोसा नहीं
तुझ को लगता है कि मैं मुकर जाउँगा
हूँ मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत हूँ मैं
तेरा दिल तो नहीं हूँ जो भर जाऊँगा
आज ख़ुशबू मिरी होगी कल छाँव भी
फूल हूँ आज कल बन शजर जाऊँगा