सोमवार, 3 मार्च 2025

उत्तर प्रदेश मे 46000 करोड़ टैक्स गायव

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने बताया है कि प्रयाग महाकुंभ के 45 दिनों में 3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।



लेकिन फरवरी में उत्तर प्रदेश का GST कलेक्शन  केवल ₹9155 करोड़ रुपये प्राप्त हुए है और केवल 14% की वृद्धि हुई है। यानि सिर्फ 1300 करोड़ रुपये।


सवाल ये है कि 3 लाख करोड़ रुपये का GST कहाँ है? 18% टैक्स की औसत दर से करीब 54,000 करोड़ का टैक्स होना चाहिए था!



ये टैक्स कहाँ है? कौन खा गया? सरकार तक क्यों नहीं पहुँचा? किसने इतनी भारी टैक्स चोरी की है? क्या बीजेपी देगी जवाब?


(ये सच है कि कुंभ में काफ़ी व्यापार कैश में हुआ होगा। लेकिन GST तो प्रोडक्शन चैन में सबसे ऊपर से लगता है। इसलिए सरकार को ये GST तो मिलना ही चाहिए था। कोई भी सर्विस, कोई भी प्रोडक्ट टैक्स-मुक्त तो नहीं था। तो कहाँ गया ये टैक्स?)

    👉👉👉👉👉      ✍️✍️✍️✍️निर्वेश क्रांतिकारी 

रविवार, 16 फ़रवरी 2025

आगया IPL 2025 का पूरा शेड्यूल-

 22 मार्च शाम 7.30 से कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू कोलकाता

23 मार्च दोपहर 3.30 से सनराइजर्स हैदराबाद बनाम राजस्थान रॉयल्स हैदराबाद

23 मार्च शाम 7.30 से चेन्नई सुपर किंग्स बनाम मुंबई इंडियंस चेन्नई

24 मार्च शाम 7.30 से दिल्ली कैपिटल्स बनाम लखनऊ सुपर जाइंट्स विशाखापत्तनम

25 मार्च शाम 7.30 से गुजरात टाइटंस बनाम पंजाब किंग्स अहमदाबाद

26 मार्च शाम 7.30 से राजस्थान रॉयल्स बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स गुवाहाटी

27 मार्च शाम 7.30 से सनराइजर्स हैदराबाद बनाम लखनऊ सुपर जाइंट्स हैदराबाद

28 मार्च शाम 7.30 से चेन्नई सुपर किंग्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू चेन्नई

29 मार्च शाम 7.30 से गुजरात टाइटंस बनाम मुंबई इंडियंस अहमदाबाद



30 मार्च दोपहर 3.30 से दिल्ली कैपिटल्स बनाम सनराइजर्स हैदराबाद विशाखापत्तनम

30 मार्च शाम 7.30 से राजस्थान रॉयल्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स गुवाहाटी

31 मार्च शाम 7.30 से मुंबई इंडियंस बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स मुंबई

1 अप्रैल शाम 7.30 से लखनऊ सुपर जाइंट्स बनाम पंजाब किंग्स लखनऊ

2 अप्रैल शाम 7.30 से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू बनाम गुजरात टाइटंस बेंगलुरू

3 अप्रैल शाम 7.30 से कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम सनराइजर्स हैदराबाद कोलकाता

4 अप्रैल शाम 7.30 से लखनऊ सुपर जाइंट्स बनाम मुंबई इंडियंस लखनऊ

5 अप्रैल दोपहर 3.30 से चेन्नई सुपर किंग्स बनाम दिल्ली कैपिटल्स चेन्नई

5 अप्रैल शाम 7.30 से पंजाब किंग्स बनाम राजस्थान रॉयल्स न्यू चंडीगढ़

6 अप्रैल दोपहर 3.30 से कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम लखनऊ सुपर जाइंट्स कोलकाता

6 अप्रैल शाम 7.30 से सनराइजर्स हैदराबाद बनाम गुजरात टाइटंस हैदराबाद

7 अप्रैल शाम 7.30 से मुंबई इंडियंस बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू मुंबई

8 अप्रैल शाम 7.30 से पंजाब किंग्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स न्यू चंडीगढ़

9 अप्रैल शाम 7.30 से गुजरात टाइटंस बनाम राजस्थान रॉयल्स अहमदाबाद

10 अप्रैल शाम 7.30 से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू बनाम दिल्ली कैपिटल्स बेंगलुरू

11 अप्रैल शाम 7.30 से चेन्नई सुपर किंग्स बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स चेन्नई

12 अप्रैल दोपहर 3.30 से लखनऊ सुपर जाइंट्स बनाम गुजरात टाइटंस लखनऊ

12 अप्रैल शाम 7.30 से सनराइजर्स हैदराबाद बनाम पंजाब किंग्स हैदराबाद

13 अप्रैल दोपहर 3.30 से राजस्थान रॉयल्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू जयपुर

13 अप्रैल शाम 7.30 से दिल्ली कैपिटल्स बनाम मुंबई इंडियंस दिल्ली

14 अप्रैल शाम 7.30 से लखनऊ सुपर जाइंट्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स लखनऊ

सब्स्क्राइब https://youtube.com/@nirveshyadavv?si=TIaP6FlgwDTLOUJO

15 अप्रैल शाम 7.30 से पंजाब किंग्स बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स न्यू चंडीगढ़

16 अप्रैल शाम 7.30 से दिल्ली कैपिटल्स बनाम राजस्थान रॉयल्स दिल्ली

17 अप्रैल शाम 7.30 से मुंबई इंडियंस बनाम सनराइजर्स हैदराबाद मुंबई

18 अप्रैल शाम 7.30 से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू बनाम पंजाब किंग्स बेंगलुरू

19 अप्रैल दोपहर 3.30 से गुजरात टाइटंस बनाम दिल्ली कैपिटल्स अहमदाबाद

19 अप्रैल शाम 7.30 से राजस्थान रॉयल्स बनाम लखनऊ सुपर जाइंट्स जयपुर

20 अप्रैल दोपहर 3.30 से पंजाब किंग्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू न्यू चंडीगढ़

20 अप्रैल शाम 7.30 से मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स मुंबई

21 अप्रैल शाम 7.30 से कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम गुजरात टाइटंस कोलकाता

22 अप्रैल शाम 7.30 से लखनऊ सुपर जाइंट्स बनाम दिल्ली कैपिटल्स लखनऊ

23 अप्रैल शाम 7.30 से सनराइजर्स हैदराबाद बनाम मुंबई इंडियंस हैदराबाद

24 अप्रैल शाम 7.30 से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू बनाम राजस्थान रॉयल्स बेंगलुरू

25 अप्रैल शाम 7.30 से चेन्नई सुपर किंग्स बनाम सनराइजर्स हैदराबाद चेन्नई

26 अप्रैल शाम 7.30 से कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम पंजाब किंग्स कोलकाता

27 अप्रैल दोपहर 3.30 से मुंबई इंडियंस बनाम लखनऊ सुपर जाइंट्स मुंबई

27 अप्रैल शाम 7.30 से दिल्ली कैपिटल्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू दिल्ली

28 अप्रैल शाम 7.30 से राजस्थान रॉयल्स बनाम गुजरात टाइटंस जयपुर

29 अप्रैल शाम 7.30 से दिल्ली कैपिटल्स बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स दिल्ली

30 अप्रैल शाम 7.30 से चेन्नई सुपर किंग्स बनाम पंजाब किंग्स चेन्नई

1 मई शाम 7.30 से राजस्थान रॉयल्स बनाम मुंबई इंडियंस जयपुर

2 मई शाम 7.30 से गुजरात टाइटंस बनाम सनराइजर्स हैदराबाद अहमदाबाद

3 मई शाम 7.30 से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू बनाम चेन्नई सुपर किंग्स बेंगलुरू

4 मई दोपहर 3.30 से कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम राजस्थान रॉयल्स कोलकाता

4 मई शाम 7.30 से पंजाब किंग्स बनाम लखनऊ सुपर जाइंट्स धर्मशाला

5 मई शाम 7.30 से सनराइजर्स हैदराबाद बनाम दिल्ली कैपिटल्स हैदराबाद

6 मई शाम 7.30 से मुंबई इंडियंस बनाम गुजरात टाइटंस मुंबई

7 मई शाम 7.30 से कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स कोलकाता

8 मई शाम 7.30 से पंजाब किंग्स बनाम दिल्ली कैपिटल्स धर्मशाला

9 मई शाम 7.30 से लखनऊ सुपर जाइंट्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू लखनऊ

10 मई शाम 7.30 से सनराइजर्स हैदराबाद बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स हैदराबाद

11 मई दोपहर 3.30 से पंजाब किंग्स बनाम मुंबई इंडियंस धर्मशाला

11 मई शाम 7.30 से दिल्ली कैपिटल्स बनाम गुजरात टाइटंस दिल्ली

12 मई शाम 7.30 से चेन्नई सुपर किंग्स बनाम राजस्थान रॉयल्स चेन्नई

13 मई शाम 7.30 से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू बनाम सनराइजर्स हैदराबाद बेंगलुरू

14 मई शाम 7.30 से गुजरात टाइटंस बनाम लखनऊ सुपर जाइंट्स अहमदाबाद

15 मई शाम 7.30 से मुंबई इंडियंस बनाम दिल्ली कैपिटल्स मुंबई

16 मई शाम 7.30 से राजस्थान रॉयल्स बनाम पंजाब किंग्स जयपुर

17 मई शाम 7.30 से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स बेंगलुरू

18 मई दोपहर 3.30 से गुजरात टाइटंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स अहमदाबाद

18 मई शाम 7.30 से लखनऊ सुपर जाइंट्स बनाम सनराइजर्स हैदराबाद लखनऊ

20 मई शाम 7.30 से क्वालीफायर एक हैदराबाद

21 मई शाम 7.30 से एलिमिनेटर हैदराबाद

23 मई शाम 7.30 से क्वालीफायर दो कोलकाता

25 मई शाम 7.30 से फाइनल कोलकाता

रविवार, 8 दिसंबर 2024

अफसाना अनजान दिल का

 पहले लगता था बिन तेरे मर जाऊँगा

तू ने छोड़ा तो फिर मैं किधर जाऊँगा


तू भी लगता है मुझ को ज़माने सा ही

तेरे दिल से भी इक दिन उतर जाऊँगा



तेरी आदत ने मुझ को बिगाड़ा है पर

एक दिन देखना मैं सुधर जाऊँगा


फिर तिरे पास से देखना कैसे मैं

तुझ को देखे बिना ही गुज़र जाऊँगा


आज बातों में हूँ तेरी नज़रों में हूँ

जल्द दिल में तिरे हो अमर जाऊँगा


तेरी नज़र-ए-करम की ही बस देर है

ये जो बिगड़ा हुआ हूँ सँवर जाऊँगा


उस की यादें रहेंगी मिरे साथ साथ

शहर ये छोड़ कर अब अगर जाऊँगा


एक दिन छोड़ ये ग़म-ज़दों का जहाँ

बन मैं गुज़री पुरानी ख़बर जाऊँगा


बन के बादल हवाओं के संग उड़ के मैं

ढूँडने तुझ को हर इक नगर जाऊँगा


क्या कहा तुझ को मुझ पर भरोसा नहीं

तुझ को लगता है कि मैं मुकर जाउँगा


हूँ मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत हूँ मैं

तेरा दिल तो नहीं हूँ जो भर जाऊँगा


आज ख़ुशबू मिरी होगी कल छाँव भी

फूल हूँ आज कल बन शजर जाऊँगा

बुधवार, 19 जून 2024

कही परीक्षा भी चंदा का शिकार तो नही. एक के बाद एक लगातार परीक्षा रद्द व पेपर आउट हो रहे है

  और अब गड़बड़ी की ख़बर के बाद UGC- NET की परीक्षा भी रद्द कर दी गयी है। भाजपा के राज में पेपर माफ़िया एक के बाद एक, हर एग्ज़ाम में धांधली कर रहा है। ये देश के ख़िलाफ़ किसी की बड़ी साज़िश भी हो सकती है। 



गहरी व मुख्य बात समझिए:


- पुलिस भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होगा तो क़ानून-व्यवस्था नहीं सुधरेगी। जिससे देश-प्रदेश में अशांति और अस्थिरता बनी रहेगी।

- ⁠NEET की परीक्षा में घपला होगा तो ईमानदार लोग डॉक्टर नहीं बन पाएंगे और देश के लोगों के इलाज के लिए भविष्य में डॉक्टरों की कमी और बढ़ जाएगी और बेईमान लोग, जनता के जीवन के लिए ख़तरा बन जाएंगे। 

- ⁠UGC-NET परीक्षा न होने से, पहले से शिक्षकों की जो कमी चली आ रही है, उसमें और भी ज़्यादा इज़ाफ़ा होगा। शिक्षकों की कमी से देश के मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होगी, जो कालांतर में देश के लिए बेहद घातक साबित होगी।





इन सबसे प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था चौपट हो जाएगी। ये हमारे देश के शासन-प्रशासन व देश के मानव संसाधन के विरूद्ध कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र भी हो सकता है, जिसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम निकलेंगे। इसीलिए कोर्ट की निगरानी में इसकी कठोर जाँच हो और दोषियों को कठोरतम सज़ा दी जाए, और कोई भी अपराधी छोड़ा न जाए, फिर वो चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो या फिर उसके सिर पर सत्ता का हाथ ही क्यों न हो। 


लोग कह रहे हैं जो भ्रष्ट लोग कोरोना के वैक्सीन में चुनावी चंदे के नाम पर पीछे से करोड़ों रूपये खा सकते हैं, वो भला परीक्षा-प्रणाली को क्या छोड़ेंगे। 

गुरुवार, 11 जनवरी 2024

ये जो आज की मिडिया की कमाई है उसका ही कमाल है Driver rools सहमति से लागू होना


 मिडिया का खेल देखो एक डीएम को हटाया और देश मे खवर चला दी क़ानून हटा दिया. जिसके कारण सभी ड्राइवर अपने अपने काम पर चले गए और क़ानून यतास्थित रहा.
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02z3b4LqESRs9748byL1zSQL21Bak9gJ21EXWRv2ZFQmAGCECxZmJuc9h8R8bUdo1al&id=100042784159093&mibextid=Nif5oz

यही नही देश को बर्बादी के लिए विकास बनाने मे ये ही न्यूज वाले दिन रात महनत कर रहे है.

और जनता को यही लगता है की लोग परेशान सिर्फ हमारे क्षेत्र के है बाकी जगह सव ठीक है.

क्योंकि न्यूज भी यही दिखाते है. और लोग जो देख रहे है उस पर विश्वास भी कर लेते है. यही नही कुछ ऐसे भी लोग है जो भीड़ एकत्रित कर इनकी ख़वर को ही साक्षी मानते है.

ये वो लोग है जो बुद्धिहीन व सम्पूर्ण रूप से मुर्ख हो चुके है

क्योंकि उनको भी लगता है कि एक असमाजिक प्रवृति का इंसान जो फैसले ले रहा है वो ही सही है. अगर वो नही होता तो भगवान को कोई नही बचा पाता. हिन्दू विलुप्त हो गए होते और लोग जंगलो मे रहने को मजबूर हो गए होते. ये मूर्खो को बहम है और मिडिया की ये आज की सोच है.https://twitter.com/yadavakhilesh/status/1745674733675512056?t=ChEISqEBCIsENuDOkzDniA&s=19

जबकि मेरी नजर मे सव इसके विपरीत है

भगवान ने ही दुनियां बनाई है भगवान को कोई बचाए ये सिर्फ कोरा झूठ व धर्म के नाम पर मजाक है.

और देश के लुटेरों को विदेश भगाने से पहले भी देश धनवान था. लोग बड़े बड़े घरो मे रह रहे थे. जो गिराए जा रहे है.

लोग अपनी फसलों मे लगाने के लिए खाद बीज दबाई खरीद पा रहे थे 

सवारी चलाने के लिए आज से आधे दाम मे तेल खरीद पा रहे थे.

गरीव आज से तिहाई दाम मे गैस सिलेंडर ले पा रहे थे

और तो और रिश्वत भी अव दस गुना महंगी हो गईं है

जिससे इन दलालों की इनकम भी बढ़ गईं है

और चंदा भी आज कल देश के कर्ज कई गुना बढ़ गया है

जो शिक्षा व गरीवो के लिए सायद शून्य है

     ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️निर्वेश क्रांतिकारी 

बुधवार, 10 जनवरी 2024

सच समझें कॉन्वेंट का मतलब क्या है


 कान्वेंट शब्द पर गर्व न करें... 

सच समझें कॉन्वेंट का मतलब क्या है?https://twitter.com/nirveshky/status/1595628905494609921?t=Kjj7QomIXLZtE7W4Gd6v1A&s=19


‘काँन्वेंट’ ! सब से पहले तो यह जानना आवश्यक है कि, ये शब्द आखिर आया कहाँ से है, तो आइये प्रकाश डालते हैं।


ब्रिटेन में एक कानून था, " लिव इन रिलेशनशिप " बिना किसी वैवाहिक संबंध के एक लड़का और एक लड़की का साथ में रहना, तो इस प्रक्रिया के अनुसार संतान भी पैदा हो जाती थी तो उन संतानों को किसी चर्च में छोड़ दिया जाता था।


अब ब्रिटेन की सरकार के सामने यह गम्भीर समस्या हुई कि इन बच्चों का क्या किया जाए तब वहाँ की सरकार ने काँन्वेंट खोले अर्थात् जो बच्चे अनाथ होने के साथ-साथ नाजायज हैं , उनके लिए ये काँन्वेंट बने।


उन अनाथ और नाजायज बच्चों को रिश्तों का एहसास कराने के लिए उन्होंने अनाथालयो में एक फादर एक मदर एक सिस्टर की नियुक्ति कर दी क्योंकि ना तो उन बच्चों का कोई जायज बाप है ना ही माँ है। तो काँन्वेन्ट बना नाजायज बच्चों के लिए जायज।


इंग्लैंड में पहला काँन्वेंट स्कूल सन् 1609 के आसपास एक चर्च में खोला गया था जिसके ऐतिहासिक तथ्य भी मौजूद हैं और 

भारत में पहला काँन्वेंट स्कूल कलकत्ता में सन् 1842 में खोला गया था। परंतु तब हम गुलाम थे और आज तो लाखों की संख्या में काँन्वेंट स्कूल चल रहे हैं।


जब कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया, उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था, इसी कानून के तहत भारत में

कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी और ये तीनों गुलामी के ज़माने की यूनिवर्सिटी आज भी इस देश में हैं।


मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है। उसमें वो लिखता है कि 

“इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे। इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपनी परम्पराओं के बारे में भी कुछ पता नहीं होगा।


इनको अपने मुहावरे ही नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।” उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रुवाब पड़ेगा।


अरे ! हम तो खुद में हीन हो गए हैं। जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म हो, दूसरों पर क्या असर पड़ेगा ?

लोगों का तर्क है कि “अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है”।


दुनिया में 204 देश हैं और अंग्रेजी सिर्फ 11 देशों में ही बोली, पढ़ी और समझी जाती है, फिर ये कैसे अंतर्राष्ट्रीय भाषा है?  


शब्दों के मामले में भी अंग्रेजी समृद्ध नहीं दरिद्र भाषा है। इन अंग्रेजों की जो बाइबिल है वो भी अंग्रेजी में नहीं थी और ईसा मसीह अंग्रेजी नहीं बोलते थे। 

ईसा मसीह की भाषा और बाइबिल की भाषा अरमेक थी।

अरमेक भाषा की लिपि जो थी वो हमारे बंगला भाषा से मिलती जुलती थी। समय के कालचक्र में वो भाषा विलुप्त हो गयी।


भारत देश में अब भारतीयों की मूर्खता देखिए…  


जिनके जायज माँ बाप भाई बहन सब हैं, वो काँन्वेन्ट में जाते है तो क्या हुआ एक बाप घर पर है और दूसरा काँन्वेन्ट में जिसे फादर कहते हैं। आज जिसे देखो काँन्वेंट खोल रहा है जैसे- "बजरंग बली काँन्वेन्ट स्कूल", माँ भगवती काँन्वेन्ट स्कूल"।  

अब इन मूर्खो को कौन समझाए कि, भईया माँ भगवती या बजरंग बली का काँन्वेन्ट से क्या लेना देना?


दुर्भाग्य की बात यह है कि, जिन चीजों का हमने त्याग किया अंग्रेजो ने वो सभी चीज़ों को पोषित और संचित किया फिर भी हम सबने उनकी त्यागी हुई गुलाम सोच को आत्मसात कर गर्वित होने का दुस्साहस किया।

आइए आगे से जब भी हमसे कोई आश्रय कॉन्वैंट स्कूल की बात कहेगा या करेगा तो उसे उपरोक्त तथ्यों से परिचित अवश्य कराएंगे।साभार ✍️🙏

                                         ✍️✍️✍️✍️निर्वेश क्रांतिकारी 

मंगलवार, 9 जनवरी 2024

ESW का मतलब सामान्य बर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोग. ESW केटेगिरी मे SC, OBC, ST, के किसी भी भारतीय ब्यक्ति को शामिल नही किया जाता है

बिस्तार 

साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिया था। इसके लिए संविधान में 103वां संशोधन किया किया था। इसके बाद से ही इस आरक्षण के खिलाफ विवाद खड़ा हो गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण बरकरार रखने पर अपनी मुहर लगा दी है। मामले की सुनवाई करते हुए पांच जजों वाली संवैधानिक पीठ ने EWS आरक्षण के पक्ष में 3: 2 के अंतर से अपना फैसला सुनाया। तीन न्यायाधीश ने अधिनियम को बरकरार रखने के पक्ष में जबकि चीफ जस्टिस और एक न्यायाधीश ने इसपर असहमति जताई। आइए अब जानते हैं सुप्रीम कोर्ट में ये मामला क्यों पहुंचा था? EWS आरक्षण का फायदा किन्हें मिलेगा?

EWS का मतलब है आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण। यह आरक्षण सिर्फ जनरल कैटेगरी यानी सामान्य वर्ग के लोगों के लिए है। इस आरक्षण से SC, ST, OBC को बाहर किया गया है। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिया था। इसके लिए संविधान में 103वां संशोधन किया किया था। वैसे कानूनन, आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अभी देशभर में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को जो आरक्षण मिलता है, वो 50 फीसदी सीमा के भीतर ही है। मामला यहीं फंस गया था कई लोगों को आपत्ति थी कि सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण मिलने से यह करीब 60 फीसदी के बराबर हो जाएगा जो कि संविधान को घोर उल्लंघन है। केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 40 से ज्यादा याचिकाएं दायर हुई थीं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इसके अलावा फरवरी 2020 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पांच छात्रों ने भी आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर की थी।  


50 फीसदी सीमा में किसे कितना आरक्षण, केंद्र सरकार ने दी सफाई

50 फीसदी सीमा में ओबीसी को 27 फीसदी, एससी को 15 फीसदी और एसटी को 7.5 फीसदी आरक्षण मिला है। लेकिन सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण मिलने से यह सीमा 59.5 फीसदी हो जाती है। लेकिन केंद्र सरकार ने इसपर सफाई देते हुए कहा था कि आरक्षण के 50% बैरियर को हमने नहीं तोड़ा है क्योंकि 1992 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा था कि 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए ताकि बाकी 50% जगह सामान्य वर्ग के लोगों के लिए बची रहे। यह आरक्षण 50% में आने वाले सामान्य वर्ग के लोगों के लिए ही है। यह बाकी के 50% वाले ब्लॉक को डिस्टर्ब नहीं करता है।

                       ✍️✍️✍️✍️✍️निर्वेश क्रांतिकारी 


उत्तर प्रदेश मे 46000 करोड़ टैक्स गायव

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने बताया है कि प्रयाग महाकुंभ के 45 दिनों में 3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। लेकिन फरवरी में उत्तर प...